सुबह-सुबह हर महिला को ये 5 योग जरूर करने चाहिए। इसे करने से वह तन और मन से हमेशा दुरुस्त रहेंगी।
एक महिला का शरीर पीरियड्स से लेकर मेनोपॉज तक कई बदलावों से गुजरता है और आप चाहे किसी भी उम्र में हो, आपको योग का अभ्यास जरूर करना चाहिए। योग हर प्रकार के शरीर के लिए है और इसे किसी भी उम्र की महिलाओं के अनुरूप संशोधित किया जा सकता है। यह सिर्फ शरीर के लिए एक्सरसाइज नहीं है बल्कि मन, शरीर और आत्मा के लिए लाभ प्रदान करता है। आप अधिक सकारात्मक, खुश और एनर्जी से भरा हुआ महसूस करती हैं। योग आपको इस पल को जीने और जीवन में संतुलन खोजने में मदद करता है।
महिला को करने चाहिए ये 4 योग
गोमुखासन योग
गोमुखासन को काऊ फेस पोज के नाम से भी जाना जाता है। यह आसन आपकी सिटिंग मसल्स, कंधों और बगल को स्ट्रेच करने की सबसे अच्छी मुद्रा है। इसे करने से शरीर सुडौल और लोचदार बनता है। साथ ही आप कमर दर्द से राहत पा सकती हैं।
गोमुखासन करने का तरीका
- इसे करने के लिए पैरों को फैलाकर मैट पर बैठें।
- अब बाएं पैर को मोड़ें और दाहिने हिप्स के नीचे या बगल में पैर रखें।
- बाएं पैर के बगल में दाहिना पैर रखते हुए दाहिने पैर को बाईं ओर मोड़ें।बाईं कोहनी को पीठ के पीछे मोड़ें और हथेली ऊपर की ओर रखें।
- दाहिने हाथ को ऊपर की तरफ उठाएं और कोहनी को नीचे की ओर हथेली से मोड़ें।
- हथेलियों को उंगलियों से इंटरलॉक करने की कोशिश करें।
- कुछ सेकेंड के लिए इस मुद्रा में रहें।
पश्चिम नमस्कार योग
पश्चिम नमस्कार आसन से बॉडी का मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ता है, जिससे तेजी से वजन कम करने में मदद मिलती है। गर्दन और पीठ के दर्द के लिए पश्चिम नमस्कार आसन बहुत ही लाभकारी है। इस योगासन को करने से मसल्स का तनाव कम होता है, जिससे दर्द में राहत मिलती है। दिमाग को शांत और स्ट्रेस दूर करने के लिए भी यह आसन बहुत अच्छा है।
पश्चिम नमस्कार करने का तरीका
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ को सीधा करके मैट पर खड़ी हो जाएं।
- पैरों के बीच थोड़ा सा गैप बनाएं।
- हाथों को नीचे की ओर लटकाएं और ढीला छोड़ दें।
- इसके बाद घुटनों को थोड़ा मोड़ें और दोनों हाथों को पीछे की ओर ले जाएं।
- धीरे-धीरे दोनों हाथों को जोड़ने की कोशिश करें।गहरी सांस लें और कलाई को मोड़ते हुए हाथों की उंगलियों को रीढ़ से सटा लें।
- अब हथेलियों को आपस में इस तरह से मिलाएं, जैसे आप नमस्कार कर रही हों।
- इस मुद्रा में आने के बाद आंखों को बंद करके कुछ देर खड़ी रहें।
- फिर आंखों को खोलें और कलाई को नीचे की ओर रखें।धीरे से ताड़ासन में वापस आएं
अधोमुखश्वानासन योग
अधोमुखश्वानासन या डाउनवर्ड फेसिंग डॉग पोज आपके काफ, ग्लूट्स, स्पाइन, ट्राइसेप्स और हैमस्ट्रिंग पर काम करता है। यह आपके शरीर को मजबूत करता है और ब्लड सर्कुलशन में सुधार करता है। इस आसन को करते समय सिर नीचे की तरफ और हिप्स ऊपर की तरफ उठे होने के कारण सिर की ओर नए ब्लड की आपूर्ति बढ़ती है। इसीलिए ये आसन ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में मदद करता है।
अधोमुखश्वानासन करने का तरीका
- इसे करने के लिए पेट के बल लेट जाएं।
- फिर पैरों और हाथों के बल आ जाएं और टेबल जैसी आकृति बनाएं।
- सांस को बाहर छोड़ते हुए धीरे-धीरे हिप्स को ऊपर की तरफ उठाएं।
- अपनी कोहनियों और घुटनों को टाइट करके शरीर उल्टे ‘V’ के आकार में ले आएं।
- इस आसन को करते समय कंधे और हाथ एक सीध में, पैर हिप्स की सीध में और टखने बाहर की तरफ होने चाहिए।
- हाथों को नीचे जमीन की तरफ दबाएं और गर्दन को लंबा स्ट्रेच करने की कोशिश करें।
- इसी मुद्रा में कुछ सेकेंड्स तक रुकें और फिर घुटने जमीन पर टिका दें।फिर पुरानी मुद्रा में वापस आ जाएं
सुप्त पादांगुष्टासन योग
इस योग को करने से शरीर और मन को कई फायदे मिलते हैं। यह रिप्रोडक्टिव सिस्टम को मजबूत बनाता है। पैरों में ब्लड फ्लो को तेज करता है। शरीर में हार्मोन बैलेंस को बेहतर करता है। हाथों और कंधों को अच्छी स्ट्रेचिंग देता है और टांगों को टोन करता है।
सुप्त पादांगुष्टासन करने का तरीका
- इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं।
- धीरे-धीरे टांगों और पंजों को स्ट्रेच करें और एड़ियों के जरिए पैरों को दबाएं।
- सांस छोड़ते हुए, दाएं घुटने को सीने तक लेकर आएं।
- इसके लिए दाएं तलवे पर एक स्ट्रैप फंसा दें।
- अब दाएं पैर को छत की तरफ सीधा करने की कोशिश करें।
- ऐसा करते हुए हाथ सीधे और कंधे फर्श पर दबाव देने हुए होने चाहिए।
- बाएं पैर को प्रेशर देकर आगे की तरफ स्ट्रेच करें।
- टांग को मोड़ने पर बाएं पैर से 90 डिग्री का कोण बनाएं।
- 30 सेकेंड बाद स्ट्रेप को ढीला करें और पैर को जमीन पर ले आएं।
तन और मन को दुरुस्त करने के लिए यह योगासन आप भी रोजाना जरूर करें। फिटनेस से जुड़ी और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।