Neem: नीम के पेड़ (Neem Ka Ped) से शायद ही कोई अपरिचित हो। नीम को उसके कड़वेपन के कारण जाना जाता है। सभी लोगों को पता होगा कि कड़वा होने के बाद भी नीम स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक लाभदायक होता है, लेकिन नीम के फायदे क्या-क्या हैं या नीम का उपय़ोग किन-किन रोगों में कर सकते हैं, इस बात की पूरी जानकारी आपको नहीं होगी। नीम के गुणों के कारण इसे धरती का कल्प वृक्ष भी कहा जाता है। आमतौर पर लोग नीम का प्रयोग घाव, चर्म रोग में फायदा लेने के लिए करते हैं लेकिन सच यह है नीम के फायदे (benefits of neem tree in hindi) अन्य कई रोगों में भी मिलते हैं।
नीम की पत्तियों (Benefits of Neem Leaves In Hindi) का गाढ़ा लेप कैंसर की बढ़ाने वाली कोशिकाओं की बढ़ने की क्षमता को कम करता है। आइए जानते हैं कि आप किन-किन रोगों में नीम का उपयोग कर सकते है और नीम के नुकसान (neem ke nuksan) क्या होते हैं।
नीम क्या है? (What is Neem?)
नीम (Neem Ka Ped) भारतीय मूल का एक पूर्ण पतझड़ वृक्ष है जो 15-20 मीटर (लगभग 50-65 फुट) की ऊंचाई तक पहुंच सकता है। कभी-कभी 35-40 मीटर (115-131 फुट) तक भी ऊंचा हो सकता है। इसकी शाखाएं यानी डालियाँ काफी फैली हुई होती हैं। तना सीधा और छोटा होता है और व्यास में 1.2 मीटर तक पहुँच सकता है।
नीम के औषधीय गुण (Medicinal Benefits of Neem in Hindi)
नीम को निम्ब भी कहा जाता है। कई ग्रन्थों में वसन्त-ऋतु (विशेषतः चैत्र मास मतलब 15 मार्च से 15 मई) में नीम के कोमल पत्तों (Neem Ke Patte Ke Fayde In Hindi) के सेवन की विशेष प्रंशसा की गई है। इससे खून साफ होता है तथा पूरे साल बुखार, चेचक आदि भयंकर रोग नहीं होते हैं। विभिन्न रोगों में नीम का प्रयोग (uses of neem in hindi) करने की विधि नीचे दी जा रही हैः-
बालों की समस्याओं में लाभकारी है नीम का प्रयोग (Benefits of Neem for Hair Problems in Hindi)
नीम के फायदे बालों के लिए बहुत ही लाभकारी है। बाल झड़ने से लेकर बालों के असमय पकने जैसी बालों की समस्याओं में इसका प्रयोग किया जा सकता है।
- नीम के बीजों को भांगरा के रस तथा असन पेड़ की छाल के काढ़े में भिगो कर छाया में सुखाएं। ऐसा कई बार करें। इसके बाद इनका तेल निकालकर नियमानुसार 2-2 बूँद नाक में डालें। इससे असमय सफेद हुए बाल काले हो जाते हैं। इस प्रयोग के दौरान केवल दूध और भात यानी पके हुए चावल ही खाने चाहिए।
- नीम के पत्ते (Neem Ke Patte) एक भाग तथा बेर पत्ता 1 भाग को अच्छी तरह पीस लें। इसका उबटन या लेप सिर पर लगाकर 1-2 घंटे बाद धो डालें। इससे भी बाल काले, लंबे और घने होते हैं।
- नीम के पत्तों को पानी में अच्छी तरह उबालकर ठंडा हो जाने दें। इसी पानी से सिर को धोते रहने से बाल मजबूत होते हैं, बालों का गिरना या झड़ना रुक जाता है। इसके अतिरिक्त सिर के कई रोगों में लाभ होता है।
- नीम के बीजों को पीसकर लगाने से या नीम के पत्तों (neem leaves) के काढ़े से सिर धोने से बालों की जुँए और लीखें मर जाती हैं।
नीम के उपयोग से सिर दर्द भगाए (Benefits of Neem for Relief from Headache in Hindi)
सूखे नीम के पत्ते, काली मिर्च और चावल को बराबर मात्रा में मिलाकर बारीक चूर्ण बना लें। सूर्योदय से पहले सिर के जिस ओर दर्द हो, उसी ओर की नाक में इस चूर्ण को एक चुटकी भर नाक में डालें। इससे आधासीसी (अधकपारी) के दर्द यानी माइग्रेन में जल्द लाभ (neem ka upyog) होता है।
नीम का इस्तेमाल आँखोंं के रोगों के लिए फायदेमंद (Benefits of Neem for Cure Eye Problems in Hindi)
नीम का प्रयोग आँखोंं के दर्द, खुजली, लाली आदि सभी रोगों में भी काफी लाभकारी है।
- जिस आँख में दर्द हो, उसके दूसरी ओर के कान में नीम के कोमल पत्तों का रस गुनगुना कर 2-2 बूँद टपकाएं। दोनों आँखों में दर्द हो तो दोनों कान में टपकाएं। दर्द समाप्त हो जाएगा।
- नीम के पत्ते (neem leaves) और लोध्र के बराबर चूर्ण को पोटली में बाँधकर उस पोटली को पानी में डाल दें। इस पानी की 2-3 बूंदें आँखोंं में डालने से आँखोंं की सूजन तथा दर्द आदि रोग दूर होते हैं।
- यदि आँखोंं के ऊपर सूजन के साथ ही दर्द हो और अन्दर खुजली होती हो तो नीम के पत्ते तथा सोंठ को पीसकर थोड़ा सेंधा नमक मिला लें। इसे हल्का गर्म कर लें। एक कपड़े की पट्टी पर इसे रखकर आँखोंं पर बाँधें। 2-3 दिन में आँखोंं का यह रोग दूर हो जाता है। इस समय ठंडे पानी एवं ठंढ़ी हवा से आँखोंं को बचाना चाहिए। अच्छा होगा कि यह प्रयोग रात को करें।
- आधा किलोग्राम नीम के पत्तों को मिट्टी के दो बर्तनों के बीच में रख कंडो की आग में डाल दें। ठण्डा होने पर अन्दर की राख को 100 मिली नींबू रस में मिलाकर सुखा लें। इसे किसी एयरटाइट (जिसमें हवा ना जा सके) बोतल में भर कर रख लें। इस राख को काजल की तरह आँखोंं में ल
नीम का इस्तेमाल दांतों के रोगों में लाभदायक (Uses of Neem in Treating Dental Disease in Hindi)
अत्यंत प्राचीन काल से ही नीम दातुन यानी दाँतों को साफ करने के लिए नीम की दातुन का प्रयोग होता रहा है। नीम की दातुन करने से दांत संबंधित रोग नहीं होते हैं।
- नीम की जड़ की छाल का चूर्ण 50 ग्राम, सोना गेरू 50 ग्राम तथा सेंधा नमक 10 ग्राम, इन तीनों को मिला कर खूब महीन पीस लें। इसे नीम के पते के रस में भिगो कर छाया में सुखा दें। यह एक भावना हुई। ऐसी ही तीन भावनायें देकर और सुखाकर शीशी में रख लें। इस चूर्ण से दाँतों को मंजन करने से दाँतों से खून गिरना, पीव निकलना, मुंह में छाले पड़ना, मुंह से दुर्गन्ध आना, जी का मिचलाना आदि रोग दूर (neem ke fayde) होते हैं।
- 100 ग्राम नीम की जड़ को कूट कर आधा लीटर पानी में एक चौथाई शेष रहने तक उबालें। इस पानी से कुल्ला करने से दांतों के अनेक रोग दूर होते हैं।
दमा रोग में फायदेमंद नीम का प्रयोग (Neem Benefits in Asthma in Hindi)
3-6 बूँद शुद्ध नीम के बीज के तेल को पान में डाल कर खाने से दम फूलना आदि सांसों के रोगों में लाभ होता है।
नीम का सेवन करता है पेट के कीड़ों को खत्म (Neem Benefits in Cure Stomach Bugs in Hindi)
नीम के फायदे से पेट के रोगों को भी ठीक किया जा सकता है।
- नीम की छाल, इन्द्रजौ और वायबिडंग को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण की 1.5 ग्राम मात्रा में चौथाई ग्राम भुनी हींग मिला लें। इस मिश्रण को मधु में मिलाकर दिन में 2 बार सेवन करने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
- बैंगन या किसी और सब्जी के साथ नीम के 8-10 पत्तों को छौंक कर खाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
- नीम के पत्तों का रस निकालकर 5 मिली मात्रा में पिलाने से पेट के कीड़े मर जाते है।
एसिडिटी में फायदा पहुंचाता है नीम का सेवन (Neem Benefits in Acidity Problem in Hindi)
- नीम की सींक, धनिया, सोंठ और शक्कर सभी 6-6 ग्राम को एक साथ मिला लें। इसका काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पीने से खट्टी डकारें, अपच तथा अत्यधित प्यास लगने की समस्या दूर होते हैं।
- पित्त यानी एसिडिटी के कारण होने वाले बुखार में भी यह प्रयोग लाभकारी है।
पेट दर्द में नीम का उपयोग लाभदायक (Neem Benefits in Cure Stomach Pain in Hindi)
40-50 ग्राम नीम की छाल को जौ के साथ कूटकर 400 मिली जल में पकाएं व इसमें 10 ग्राम नमक भी डाल दें। आधा शेष रहने पर गुनगुना कर पिलाने से पेटदर्द में आराम होता है।
उलटी में लाभकारी है नीम का सेवन (Benefits of Neem Tree to Stop Vomiting in Hindi)
- नीम की 7 सीकों को 2 बड़ी इलायची और 5 काली मिर्च के साथ महीन पीस लें। इसे 250 मिली पानी के साथ मिलाकर पीने से उलटी बन्द होती है।
- 20 ग्राम नीम के पत्तों को 100 मिली पानी में पीसकर, छान लें। इसे 50 मिली मात्रा में सुबह-शाम पिलाने से उलटी तथा अरुचि में लाभ होता है।
- 8-10 नीम के कोमल पत्तों को घी में भूनकर खाने से भोजन से होने वाली अरुचि दूर होती है।
नीम के उपयोग से स्किन प्रॉब्लेम से छुटकारा (Neem Benefits in Cure Skin Problems in Hindi)
- एक्जिमा सूखा हो या पीव वाला। नीम के पत्ते के रस में पट्टी को तर कर बाँधने से और बदलते रहने से लाभ होता है। नीम के पत्तों को पीसकर लगाने से भी लाभ होता है।
- नीम के 8-10 पत्तों को दही व शहद के साथ पीसकर लेप करने से दाद तथा घावों में लाभ होता है।
- नीम के अन्दर की छाल को रात भर पानी मे भिगो दें। सुबह इस पानी को छान कर चार ग्राम आँवले के चूर्ण के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से पुराना शीतपित्त (पित्त निकलने की परेशानी) ठीक हो जाता है।
खून साफ करने के लिए में नीम से फायदा (Neem Purifies Blood in Hindi)
- नीम का काढ़ा या ठंडा रस बनाकर 5-10 मिली की मात्रा में रोज पीने से खून के विकार दूर होते हैं।
- 10 ग्राम नीम के पत्ते का काढ़ा बनाकर सेवन करने से खून की गर्मी में लाभ होता है।
- 20 मिली नीम के पत्ते का रस और अडूसा के पत्ते का रस में मधु मिलाकर दिन में 2 बार सेवन करने से खून साफ होता है।
नीम के उपयोगी हिस्से (Beneficial Parts of Neem Tree)
नीम के इन भागों का औषधि के रूप में प्रयोग किया जा सकता हैः-
- नीम के तने
- जड़ की छाल
- लकड़ी
- पत्ते (Neem Ke Patte)
- फूल
- फल
- बीज
- नीम की तेल
नीम का सेवन करने से कौन सी बीमारी ठीक होती है?
1.नीम के उपयोग से सिर दर्द भगाए
2.खून साफ करने के लिए में नीम से फायदा
3.नीम के उपयोग से स्किन प्रॉब्लेम से छुटकारा
4.उलटी में लाभकारी है नीम का सेवन
5.पेट दर्द में नीम का उपयोग लाभदायक
6.एसिडिटी में फायदा पहुंचाता है नीम का सेवन
7.नीम का सेवन करता है पेट के कीड़ों को खत्म
8.नीम का इस्तेमाल दांतों के रोगों में लाभदायक
9.दमा रोग में फायदेमंद नीम का प्रयोग
10.नीम का इस्तेमाल दांतों के रोगों में लाभदायक
सुबह खाली पेट नीम के पत्ते चबाने से क्या होता है
सुबह खाली पेट नीम के पत्ते ओर चार ग्राम आँवले के चूर्ण के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से पुराना शीतपित्त (पित्त निकलने की परेशानी) ठीक हो जाता है।
सुबह खाली पेट नीम का जूस पीने से क्या होता है ?
सुबह खाली पेट नीम का जूस पीने से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं, यह शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाता है, पाचन तंत्र को शुद्ध करता है, रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है आदि।
नीम कितने दिन तक पीना चाहिए ?
आप नीम का जूस का सेवन तब तक कर सकते हैं जबतक आप चाहें। हालांकि अगर आपको इसकी वजह से कोई एलर्जी या समस्या हो तो तुरंत इसका सेवन छोड़ दें।
नीम के बीज के फायदे क्या हैं ?
नीम के बीज के ढेरों फायदे हैं जैसे यह त्वचा को स्वस्थ बनाता है और इन्फेक्शन और एक्ने क्यों दूर करता है। साथ ही यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने, पाचन तंत्र को बेहतर करने, शरीर को सुरक्षा प्रदान करने में भी सहायक है। इसके अलावा भी neem ke beej ke fayde कई हैं, जैसे इसका इस्तेमाल घाव को ठीक करने और पेड़पौधों को कीटाणु रहित करने के लिए किया जाता है।
नीम के पानी से चेहरा धोने का क्या फायदा है ?
अगर आप प्रतिदिन नीम के पानी से चेहरा धोते हैं तो आपके चेहरे का निखार बढ़ेगा। इसमें मौजूद एंटी माइक्रोबियल गुण आपके चेहरे से इन्फेक्शन और एक्ने को दूर करने में मदद करेंगे और आपका चेहरा खुबसूरत और चमकदार बनेगा। उम्मीद है आप समझ गए होंगे कि neem ke pani se face dhone ke fayde क्या हैं।
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